अतुल यादव, विशेष संवाददाता 



तुमसे मेरा रिश्ता क्या है,क्या तुम यह कह पाओगे।

रुह सा जो है बीच हमारे,कोई नाम उसे दे पाओगे।

कुछ भी नहीं हूँ मैं सच है,पर क्या मुझे ठुकरा पाओगे।

मुझसे न दर्द, ना ही सुकून है,पर क्या यादों से हटा पाओगे।

मैं क्या हूँ तुम क्या हो,क्या तुम कभी कह पाओगे? 


मुझसे मत पूछो क्या हैं प्रेम,नाम तुम्हारा ले बैठूंगा।

मुझसे मत पूछो सुख की परिभाषा,ज़िक्र तुम्हारा कर बैठूंगा।

मुझसे मत पूछो क्या हैं आशा,स्वप्न तुम्हारा रच बैठूंगा।

मुझसे मत पूछो विरह वेदना,जीवन अपना तज बैठूंगा



लेख: जी हां प्रेम प्यार मोहब्बत स्नेह इश्क लव कई नामों से जाना जाने वाला शब्द प्रेम ढाई अक्षर का होते हुए भी अपने अर्थ को इतना विशिष्ट बनाए हुए हैं कि आज तक बहुत सारे कविय